नक्सल समर्थन के आरोप में गिरफ्तार प्रो. शोमा सेन निलंबित

नागपुर (विसंकें). नक्सली गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों के चलते गिरफ्तार नागपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. शोमा सेन को आखिरकार शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया. वामपंथी दबाव समूह के कारण अटके निलंबन के लिखित आदेश शुक्रवार रात 8 बजे जारी हो गए.
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. एस.पी. काणे ने प्रो. सेन की गिरफ्तारी के एक सप्ताह बाद उनके निलंबन की घोषणा की थी, लेकिन निलंबन पत्र जारी नहीं किया था. नियम के मुताबिक, किसी भी सरकारी कर्मचारी को यदि 24 घंटे तक जेल में रहना पड़ा तो उसे निलंबित किए जाने का प्रावधान है. हालांकि प्रो. सेन की गिरफ्तारी को एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई से लगातार बचता रहा.
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव तक यह मामला पहुंचने के बाद उन्होंने उपकुलपति से फोन पर जवाब तलब किया. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 14 जून को प्रो. सेन को निलंबित किए जाने की मौखिक जानकारी दी. लेकिन कानूनी सलाह लेने के बाद भी निलंबन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं हुए थे. विश्वविद्यालय में सक्रिय दबाव समूह नहीं चाहता था कि आगामी 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाली प्रो. सेन को नौकरी के अंतिम दिनो में निलंबित किया जाए. इसलिए उनके निलंबन को रोकने के लिए भरसक प्रयास किए गए. लेकिन सरकार तथा पुलिस की मामले पर लगातार नजर होने के कारण विश्वविद्याय प्रशासन को निलंबन के लिखित आदेश जारी करने पड़े.
रजिस्ट्रार पूरण मेश्राम ने रात 8 बजे प्रो. सेन के निलंबन पत्र पर हस्ताक्षर किए. तथा कर्मचारी के हाथों पत्र प्रो. सेन के आवास पर भेजा.
उल्लेखनीय है कि पुणे में 31 दिसंबर 2017 को आयोजित यल्गार परिषद के बाद पुणे समेत राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में हिंसा फैली थी. इस मामले में पुणे और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दिल्ली से रोना विल्सन, मुंबई से सुधीर ढवले और नागपुर से प्रो. शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग और महेश राऊत को 6 जून को गिरफ्तार किया था. उन पर नक्सली गतिविधियों में संलिप्तता व हिंसा फैलाने की साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप हैं.

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