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सभी हिन्दू समाज के अभिन्न अंग हैं






  भुबनेश्बर(विसंकें): विश्व हिन्दू परिषद, विहिप का सामाजिक सद्भावना मिलन समारोह रविवार को आयोजित किया गया। बिसरा ब्लाक के जरइकेला में आयोजित समारोह में हिन्दू समाज के विभिन्न जातियों के मुखिया को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में में सौ से ज्यादा मुखिया पहुंचे।
इसमें विहिप के राष्ट्रीय सचिव तथा केंद्रीय सामाजिक समरसता प्रमुख देव राउत ने कहा कि हिन्दू समाज में वर्तमान जिस प्रकार अलग-अलग जातियों की व्यवस्था की गई है। वैसी व्यवस्था वैदिक काल में नहीं थी। यह जाति व्यवस्था देश पराधीन होने के दौरान चलन में आई थी। वहीं समाज में छुआछूत, ऊंच-नीच व छोटा-बड़ा जाति की व्यवस्था भी इसी दौरान देखी गई। अन्यथा हिन्दू समाज में न कोई छोटा होता है, न कोई बड़ा होता है और न ही कोई अछूत होता है। जिस कारण हिन्दू समाज में ऊंच-नीच, विषमता तथा छुआछूत की भावना दूर करने के लिए सभी को अपने समान मानकर चलने की जरूरत है। सभी जाति एक समान हैं तथा यह सभी हिन्दू समाज के अभिन्न अंग हैं।
कार्यक्रम में बिसरा कॉलेज के प्राचार्य खीरोद कुमार बराल ने विभिन्न धर्मग्रंथों को उद्धृत करते हुए कहा कि वैदिक काल में जाति की व्यवस्था नहीं थी, बल्कि वर्ण की व्यवस्था थी। जिसमें काम के अनुसार सभी लोगों को वर्ण में बांटा गया। लेकिन काल-क्रम में यह वर्ण व्यवस्था जाति व्यवस्था में बदलती चली गई। इसमें सुधार की जरूरत है। इस समारोह में अन्य लोगों में विहिप के ओडिशा पश्चिम प्रांत के कोषाध्यक्ष कमल अग्रवाल, पश्चिम प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष सर्वेश्वर दास, बिसरा प्रखंड के अध्यक्ष परशुराम महापात्र, प्रांत परियोजना प्रमुख विशंभरनाथ मिश्र, राउरकेला जिला संगठन मंत्री रामचंद्र नायक शामिल थे।


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